तंत्रिकीय आवेगों की उत्पत्ति एवं संचरण (Generation and conduction of nerve Impulse)
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न्यूरॉन्स उद्दीपनशील कोशिकाएँ (excitable cells) हैं क्योंकि उनकी झिल्ली ध्रुवीय अवस्था (polarized state) में रहती हैं।
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विभिन्न प्रकरणके आयन पथ (चैनल) तंत्रिका झिल्ली पर पाए जाते हैं। ये आयन चैनल विभिन्न आयनों के लिए चयनात्मक पारगम्य होते हैं।
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जब कोई न्यूरॉन आवेगों का संचरण नहीं करते हैं जैसे की विराम अवस्था में एक्सॉन झिल्ली सोडियम आयन्स (Na+) की तुलना में पोटैसियम आयन्स (K+) तथा क्लोराइड आयन्स (Cl-) के लिए अधिक पारगम्य होती है।
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इसी प्रकार से झिल्ली, एक्सॉन द्रव्य में उपस्थित ऋण आवेशित प्रोटोकॉल में भी अपारगम्य होती है
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धीरे-धीरे एक्सॉन के तंत्रिका द्रव्य में K+ तथा ऋणात्मक आवेशित प्रोटीन की उच्च सांद्रता तथा Na+ की निम्न सांद्रता होती है।
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इसी भिन्नता के कारण सांद्रता प्रवणता (Concentration gradient) बनती है।
सोडियम पोटैसियम पंप
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झिल्ली पर पायी जाने वाली इस आयनिक प्रवणता को सोडियम पोटैसियम पंप द्वारा नियमित (regulate) किया जाता है।
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इस पंप द्वारा प्रतिचक्र तीन Na+ बाहर की ओर तथा दो K+ आयन कोशिका में प्रवेश करते हैं।
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इसी वजह से एक्सॉन झिल्ली की बाहरी सतह धन आवेशित जबकि आंतरिक सतह ऋण आवेशित हो जाती है, इसलिए यह ध्रुवित (Polarized) हो जाती है।
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विराम स्थिति में प्लाज्मा झिल्ली पर इस विभवांतर को विरामकला विभव कहते हैं।
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जब किसी एक स्थान पर ध्रुवित झिल्ली पर आवेग होता है तब A स्थल की ओर स्थित झिल्ली Na+ के लिए मुक्त पारगमी हो जाती है।
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जिसके फलस्वरूप Na+ तीव्र गति से अंदर जाते हैं जिससे झिल्ली की बाहरी सतह ऋणात्मक आवेशित तथा आंतरिक सतह धनात्मक आवेशित हो जाती है।
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A स्थल पर झिल्ली की विपरीत ध्रुवता होने से विध्रुवीकरण (depolarization) हो जाता है।
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A झिल्ली की सतह पर विधुत विभवांतर क्रियात्मक विभव कहलाता है, जिसे तंत्रिका आवेग कहा जाता है।
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एक्सॉन से कुछ आगे (जैसे- स्थान B) झिल्ली की बाहरी सतह पर धनात्मक आवेश तथा आंतरिक सतह पर ऋणात्मक आवेश होता है।
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जिसके परिणामस्वरूप A स्थल से B स्थल की ओर झिल्ली की आंतरिक सतह पर आवेग विभव का संचरण होता है। अतः स्थान A पर आवेग क्रियात्मक विभव उत्पन्न होता है।
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एक्सॉन की लम्बाई के समांतरक्रम का पुनरावर्तन होता है और आवेग का संचरण होता है।
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उद्दीपन द्वारा प्रेरित Na+ के लिए बढ़ी पारगम्यता क्षणिक होती है उसके तुरंत बाद K+ की प्रति पारगम्यता बढ़ जाती है।
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कुछ क्षण के भीतर K+ झिल्ली के बाहरी ओर परासरित होता है और उद्दीपन के स्थान पर पुनः संग्रह करता है तथा तंतु आगे के उद्दीपनों के लिए एक बार फिर उत्तरदायी हो जाते हैं।
ANaNaB
आवेगों का संचरण
(Transmission of Impulse)
सिनेप्सिस द्वारा आवेगों के संचरण में न्यूरोट्रांसमीटर कहलाने वाले रसायन सम्मिलित होते हैं।
एक्सॉन के छोड़ पर स्थित आश्रय पुटिकाये (shelter vesicles) न्यूरोट्रांसमीटर्स अणुओं से भरी होती है।
जब तक आवेग एक्सॉन के छोड़ तक पहुँचता है यह सिनेप्टिक पुटिका (synaptic vesicle) की गति को झिल्ली की ओर उत्तेजित करता है, जहाँ वे प्लाज्मा झिल्ली के साथ जुड़कर न्यूरोट्रांसमीटर्स अणुओं सिनेप्टिक दरार (synaptic cleft) में मुक्त कर देते हैं।
मुक्त किए गए न्यूरोट्रांसमीटर्स अणु पश्च सिनेप्टिक (post synaptic) झिल्ली पर स्थित विशिष्ट ग्राहियों (specific receptors) से जुड़ जाते हैं।
इस जुड़ाव के फलस्वरूप आयन चैनल खुल जाते हैं और उसमें आयनों के आगमन से पश्च सिनेप्टिक झिल्ली पर नया विभव उत्पन्न हो जाता है।
उत्पन्न हुआ नया विभव उत्तेजक या अवरोधक (excitatory or Inhibitory) हो सकता है।
न्यूरोट्रांसमीटर्स के प्रकार
Types of Neurotransmitters Types of Neurotransmitters
उत्तेजक (Excitatory)
उत्तेजक (Excitatory)
अवरोधक (Inhibitory)
अवरोधक (Inhibitory)- एसीटाइलकोलीन एपिनेप्रिन
- नोरएपिनेफ्रीन
- ग्लूटामिक एसिड
- एस्पार्टिक एसिड एसीटाइलकोलीन एपिनेप्रिन नोरएपिनेफ्रीन ग्लूटामिक एसिड एस्पार्टिक एसिड - GABA (Gamma Amino Butyric Acid)
- डोपामिन
- सेरोटोनिन
- ग्लाइसिन GABA (Gamma Amino Butyr…Text is not SVG - cannot display
सिनेप्सिस (Synapse)
तंत्रिका आवेगों का एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक संचरण सिनेप्सिस (difference between two neurons) द्वारा होता है।
एक सिनेप्स का निर्माण पूर्व सिनेप्टिक न्यूरॉन (pre synaptic neuron) तथा पश्च सिनेप्टिक न्यूरॉन (post synaptic neuron) की झिल्ली द्वारा होता है, जो की सिनेप्टिक दरार (synaptic cleft) द्वारा विभक्त हो सकती है या नहीं भी।
सिनेप्स निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-
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विधुत सिनेप्स (Electrical synapse)
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रासायनिक सिनेप्स (Chemical synapse)
विधुत सिनेप्स
(Electrical synapse)
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इसमें पूर्व और पश्च सिनेप्टिक न्यूरॉन की झिल्लियाँ एक-दूसरे के समीप होती है।
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एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक विधुतधारा का प्रवाह सिनेप्सिस से होती है।
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न्यूरोट्रांसमीटर्स अनुपस्थित होते हैं।
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आवेगों का संचरण द्विदिशीय (Bidirectional) होता है।
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विधुतीय सिनेप्सिस से आवेग का संचरण, रासायनिक सिनेप्सिस की तुलना में अधिक तीव्र होता है।
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हमारे तंत्र में विधुतीय सिनेप्सिस बहुत कम होते हैं।
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विधुतीय सिनेप्सिस हृदय पेशियों में उपस्थित होते हैं।
Electrical synapseActionpotentialGap junctionchannelCouplingpotentialChemical synapsePresyneptic terminalCa2+Action potentialSynaptic vesicaleNeurotransmitterlonotropic receptorPostsynapticterminalMetabotropicreceptorMembranepotentialGene expressionBiochemical cascades
रासायनिक सिनेप्स
(Chemical synapse)
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इसमें पूर्व एवं पश्च सिनेप्टिक न्यूरॉन्स की झिल्लियाँ द्रव्य से भरे अवकाश (Gap) द्वारा पृथक होती है जिसे सिनेप्टिक दरार कहते हैं।
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न्यूरोट्रांसमीटर्स उपस्थित होते हैं।
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आवेगों का संचरण एकदिशीय (Unidirectional) होती है।
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आवेग का संचरण विधुतीय सिनेप्सिस की तुलना में कम तीव्र होती है।
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हमारे शरीर में इस प्रकार का सिनेप्सिस अधिकतर न्यूरॉन्स के बीच पाए जाते हैं।
AxonAxon terminalChemicalsReceptorsStudyNode