तंत्रिका तंत्र एवं तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन्स) क्या है ?
मनुष्य में नियंत्रण और समन्वय, तंत्रिका तंत्र (Nervous system) और हॉर्मोनल प्रणाली (Hormonal system) के माध्यम से होता है। हमारे शरीर की पाँच इन्द्रियों आँख, कान, नाक, जीभ और त्वचा को ग्राहियाँ (Receptors) कहते हैं। रिसेप्टर्स भावना अंग में कोशिकाओं का एक समूह है जो प्रकाश, ध्वनि, गंध , स्वाद, गर्मी, ठंडा आदि के प्रति विशेष प्रकार से संवेदनशील है।
सभी रिसेप्टर्स संवेदी तंत्रिकाओं (Sensory nerves) के माध्यम से रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क को विधुत तरंगों (electrical waves) के रूप में संदेश भेज सकते हैं।
तंत्रिका तंत्र
(Nervous system)
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तंत्रिका तंत्र की उत्पत्ति एक्टोडर्मल (Ectodermal) होता है।
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पहला नर्व सेल सीलेन्ट्रेटा (हाइड्रा) में पाया गया है, जो अध्रुवी (apolar) प्रकार का था।
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पहली बार सिफेलाइजेशन प्लैटीहेल्मिन्थीज में हुआ।
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सभी प्राणियों का तंत्रिका तंत्र अति विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं से बनता है, जिन्हें तंत्रिका कोशिका (Neurons) कहते हैं।
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ये विभिन्न उद्दीपनों (Stimulation) को पहचान कर ग्रहण (receive) करती है तथा इनका संचरण (transmit) करती है।
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निम्न अकशेरुकी (Lower invertebrates) प्राणियों में तंत्रिकीय संगठन बहुत ही सरल प्रकार का होता है। जैसे- हाइड्रा में यह तंत्रिकीय जाल के रूप में होता है। कीटों का तंत्रिका तंत्र अधिक व्यवस्थित होता है।
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यह मस्तिष्क बहुत सारे गुच्छिकाओं (ganglia) एवं तंत्रिकीय उत्तकों (Neural tissues) का बना होता है।
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कशेरुकी (vertebrates) प्राणियों में अधिक विकसित तंत्रिका तंत्र पाया जाता है।
न्यूरॉन
(Neurons)
न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। न्यूरॉन को तंत्रिका कोशिका भी कहा जाता है।
न्यूरॉन एक सूक्ष्मदर्शीय (Microscopic) संरचना है जो तीन भागों से मिलकर बनती है।
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साईटोन (Cyton)
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डेन्ड्रराइट (Dendrite)
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एक्सॉन (Axon)
कोशिका झिल्ली (Cell membrane)कोशिका काय (Cell body)साईटोन डेन्ड्राइट्स (Dendrites)एक्सॉन (Axon)एक्सॉन हिल्लॉक (Axon Hillock )ओलिगोडेंड्रोसाइट (oligodendrocyte)माइलिन शीथ (myelin sheath)रेनवीयर के नोड (Node of Ranvier)एक्सॉन अंत (Axon terminals)सिनेप्टिक एन्ड बल्ब (Synaptic end bulb)
साईटोन/कोशिकाकाय
साईटोन में कोशिका द्रव, कोशिकांग (Cell organelles) तथा दानेदार अंगक निसेल ग्रेन्युल पाए जाते हैं।
डेन्ड्राइट (Dendrites)
छोटे तंतु (fibers) जो साईटोन से प्रवर्धों (growths) के तरह निकले होते हैं तथा जिसमें निसेल ग्रेन्युल भी पाए जाते हैं, उसे डेन्ड्राइट कहते हैं।
ये उद्दीपनों (Stimulations) को साईटोन की ओर भेजते हैं।
एक्सॉन (Axon)
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एक न्यूरॉन में एक एक्सॉन निकला होता है। इसका दूरस्थ भाग शाखित होता है, जिसे एक्सॉन सिरा (Terminal axon) कहते हैं।
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एक्सॉन सिरा में सिनेप्टिक पुटिकाएँ (synaptic vesicles) होती हैं।
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सिनेप्टिक वेसीकल में रसायन न्यूरोट्रांसमीटर्स (Neurotransmitters) पाए जाते हैं।
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एक्सॉन तंत्रिकीय आवेगों (nerve impulses) को साईटोनसे दूर सिनेप्स पर या तंत्रिकीय पेशी संधि (neuromuscular junction) पर पहुँचाते हैं।
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एक्सॉन तथा डेन्ड्राइट की संख्या के आधार पर न्यूरॉन्स के प्रकार निम्नलिखित हैं-
नन पोलर न्यूरॉन (Non-polar neuron)- इसमें साईटोन उपस्थित होते हैं तथा एक्सॉन और डेंड्रोन अनुपस्थित होते हैं।
इस प्रकार का न्यूरॉन हाइड्रा में पाया जाता है।
यूनिपोलर न्यूरॉन (Unipolar neuron)- इसमें साईटोन तथा एक्सॉन दोनों उपस्थित होते हैं, लेकिन डेंड्रोन अनुपस्थित होते हैं।
बाइपोलर न्यूरॉन (Bipolar neuron)- इसमें एक ही डेंड्रोन तथा एक एक्सॉन पाया जाता है। इस प्रकार का न्यूरॉन नाक तथा आँखों में पाया जाता है।
मल्टीपोलर न्यूरॉन (Multipolar neuron)- शरीर के अधिकतर भाग में इसी प्रकार का न्यूरॉन्स पाया जाता है।
स्यूडोपोलर न्यूरॉन (Pseudo-polar neuron)- इसका सेल बॉडी से विस्तार होता है। इस प्रकार के न्यूरॉन में एक एक्सॉन होता है जो शाखाओं में विभाजित होता है।
कोशिका काय (Cell body) से एक एकल प्रक्रिया उत्पन्न होती है और फिर एक एक्सॉन और एक डेन्ड्राइट में विभाजित हो जाती है
वे आकार में द्विध्रुवी (Bipolar) के रूप में भ्रूणीय रूप से विकसित होते हैं, इस प्रकार उन्हें एकध्रुवी के बजाय स्यूडोयूनिपोलर कहा जाता है।
इस प्रकार का न्यूरॉन स्पाइनल कॉर्ड के डोर्सल रुट गैंगलिया में पाया जाता है।
तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell)
तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell)- साईटन (Cyton)
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कोशिका काय (Cell body)
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या
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सोमा (Soma) या
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पेरिकैरियोन
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ये सारे नाम साईटोन का ही है। साईटन (Cyton)…- साईटोन से निकला हुआ भाग साईटोन से निकला हुआ भाग एक्सॉन (Axon)
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यह एकही (Single) होता है।
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यह अशाखित (Unbranched) होता है।
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यह मोटर (Motor) या अपवाही (Efferent) होता है। एक्सॉन (Axon)…डेन्ड्रोन (Dendron)
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डेन्ड्रोन शाखित (branched) होता है।
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लगभग 7-8 शाखा होता है।
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यह संवेदी प्रकृति या अभिवाही (Afferent) होता है। डेन्ड्रोन (Dendron)…Text is not SVG - cannot display
एक्सॉन के प्रकार निम्नलिखित हैं-
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आच्छद एक्सॉन (sheathed axon)
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आच्छदहीन एक्सॉन (Unsheathed exon)
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आच्छद एक्सॉन (sheathed axon)- ये तंत्रिका तंतु स्वान कोशिका (Swan cell) से ढ़के रहते हैं, जो एक्सॉन के चारों ओर माइलिन आवरण बनाती है।
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माइलिन आवरण के बीच अंतराल पाए जाते हैं, जिन्हें रेनवीयर के नोड कहते हैं।
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आच्छद तंत्रिका मस्तिष्क एवं मेरुरज्जु में पाई जाती है।
आच्छदहीन एक्सॉन (Unsheathed exon)- यह भी स्वान कोशिका से घिरे रहते हैं, लेकिन वे एक्सॉन के चारों ओर माइलिन आवरण नहीं बनाते हैं।
यह स्वायत (autonomic) तथा कायिक तंत्रिका तंत्र (somatic nervous system) में पाए जाते हैं।
अभिवाही तंत्रिका (संवेदी)Afferent nerve (Sensory)अपवाही तंत्रिका (मोटर)Efferent nerve (Motor)मेरुदण्ड (Spinal cord)त्वचा (Skin)मांसपेशियाँ (Muscles)एक्सॉन (Axon)साईटोन (Cyton)
संवेदी न्यूरॉन्स (Sensory neurons)- रिसेप्टर्स से संदेश प्राप्त कर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) जो की मेरुरज्जु और मस्तिष्क है उन्हें भेजते हैं।
मोटर न्यूरॉन्स (Motor neurons)- मोटर न्यूरॉन्स का कार्य मांसपेशियों की कोशिकाओं की ओर से प्राप्त संदेश को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भेजती हैं।
रिले न्यूरॉन्स (Relay neurons)- यह अन्य न्यूरॉन्स के बीच कड़ी के रूप में काम करते हैं। वे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मौजूद होते हैं।
न्यूरॉन की संरचना
निसेल ग्रेन्युल-
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यह प्रोटीन संश्लेषण का स्थान होता है
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निसेल ग्रेन्युल भूरा रंग के होते हैं।
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यह साईटोन तथा डेंड्रोन में उपस्थित होते हैं तथा एक्सॉन तथा एक्सॉन हिल्लॉक में अनुपस्थित होते हैं।
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यह दानेदार अंगक होता है।
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एक्सॉन हिल्लॉक न्यूरॉन का बहुत संवेदनशील भाग होता है।
न्युरिलेमा-
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यह स्वान कोशिका का आवरण होता है जो स्वान कोशिका तथा रेनवीयर के नोड पर उपस्थित होते हैं
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न्युरिलेमा सिर्फ परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral nervous system) में उपस्थित होते हैं।
स्वान कोशिका-
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स्वान कोशिका माइलिन शीथ का निर्माण करती है।
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स्वान कोशिका P.N.S. में उपस्थित तथा C.N.S. में अनुपस्थित होते हैं।
रेनवीयर के नोड-
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दो माइलिन शीथ के बीच का क्षेत्र रेनवीयर के नोड कहलाता है।
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यहाँ माइलिन शीथ अनुपस्थित होते हैं।
एक्सोलेमा-
एक्सॉन के आवरण को एक्सोलेमा कहते हैं।
माइलिन शीथ-
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C.N.S. में अधिकतर न्यूरॉन्स माइलिनेटेड होते हैं।
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C.N.S. में माइलिन शीथ ओलिगोडेंड्रोसाइट्स द्वारा बना होता है।
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C.N.S. में रेनवीयर के नोड बहुत कम होते हैं।
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P.N.S. में माइलिनेटेड तथा नन माइलिनेटेड दोनों प्रकार के माइलिन शीथ होते हैं।
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P.N.S.के SNS में ज्यादातर माइलिनेटेड न्यूरॉन्स होते हैं तथा ANS ज्यादातर नन माइलिनेटेड न्यूरॉन्स होते हैं।
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P.N.S. में माइलिन शीथ स्वान कोशिका (Swann’s cells) द्वारा बना होता है।
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P.N.S. में रेनवीयर के नोड अधिक पाए जाते हैं।