शरीर द्रव रक्त, रक्त समूह, Rh समूह, रक्त का जमाव, लसीका एवं लसीका के कार्य
शरीर द्रव(Body Fluids)
रक्त/रुधिर (Blood)
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रक्त एक तरल संयोजी उत्तक (Fluid connective tissue) होता है, जिसमें द्रव्य मैट्रिक्स प्लाज्मा तथा अन्य संगठित संरचनाएँ पाई जाती है।
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ऑक्सीजन तथा पोषण शरीर को जीवित कोशिकाओं तक रक्त द्वारा ही पहुंचाया जाता है तथा अपशिष्ट या हानिकारक पदार्थ जैसे CO2 का निष्कासन भी किया जाता है।
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एक शरीर का अन्य द्रव्य लसिका (Lymph) भी कुछ विशिष्ट तत्वों के परिवहन में मदद करता है।
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रक्त (Blood) तथा रक्त के विकार (Blood disorders) के अध्ययन (Study) को हीमेटोलॉजी (Hematology) कहा जाता है।
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नर (Male) मानव में लगभग 5 लीटर तथा मादा (Female) में 4-4.5 लीटर रक्त होता है।
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धमनी में रक्त का pH 7.4 होता है तथा शिरा में रक्त का pH 7.2 होता है।
रक्त की संरचना
(Composition of Blood)
रक्त की संरचना रक्त की संरचना
प्लाज्मा (Plasma)
55%
प्लाज्मा (Plasma)…
संगठित तत्व
(Formed elements)
45%
संगठित तत्व…
जल (Water)
90-92%
जल (Water)…
कार्बनिक पदार्थ
(Organic Substance)
8-9%
कार्बनिक पदार्थ…
अकार्बनिक पदार्थ (Inorganic substance)
1%
अकार्बनिक पदार्थ (Inorganic substanc…इरिथ्रोसाइट्स (Erythrocytes)
RBC
5-5.5 million/mm3 इरिथ्रोसाइट्स (Erythrocytes)…थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes)
Platelets
1.5-3.5 lakh/mm3 थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes)…ल्यूकोसाइट्स (Leucocytes)
WBC
6000-8000/mm3 ल्यूकोसाइट्स (Leucocytes)…Text is not SVG - cannot display
Note :-
प्लाज्मा = रक्त - संगठित तत्व (Plasma = Blood - Formed elements)
सीरम = प्लाज्मा - थक्के ज़माने वाले कारक (Serum = Plasma - Clotting factor)
लिम्फ = रक्त - {RBC + Platelets + Macroprotein}
[Lymph = Blood - {RBC + Platelets + Macroprotein}]
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Note :- हिमोपोइसिस = रक्त का निर्माण (Formation of blood)
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रक्त की मात्रा को किडनी की J.G. Cells नियंत्रित करता है।
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J.G. Cells Erythropoietin hormone स्रावित करता है।
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यह इरिथ्रोपोइटिन Red Bone Marrow के Stem Cells को RBC बनाने के लिए उत्तेजित करता है।
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इस प्रक्रिया को Erythropoiesis कहा जाता है।
प्लाज्मा
(Plasma)
प्लाज्मा एक हल्के पीले रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ होते हैं, जो रक्त के आयतन का लगभग 55% होता है। इसमें 90-92% जल तथा 6-8% प्रोटीन पदार्थ होते हैं। फाइब्रिनोजन, ग्लोब्यूलिन तथा एल्बूमिन प्लाज्मा में उपस्थित मुख्य प्रोटीन है।
- ग्लोब्यूलिन(2.4%)
- ग्लोब्यूलिन(2.4%) - ग्लोब्यूलिन(2.4%) - ग्लोब्यूलिन(2.4%)
- ग्लोब्यूलिन(2.4%)
- ग्लोब्यूलिन(2.4%)कार्बनिक पदार्थ
(Organic Substance)
(8-9%) in plasma कार्बनिक पदार्थ…
एल्ब्यूमिन (4%)
एल्ब्यूमिन (4%)
प्रोथ्रोम्बिन/फाइब्रिनोजन (0.3%)
प्रोथ्रोम्बिन/फाइब्रिनोजन (0.3%)$$\…$$\…$$\…
प्रोटीन (6-8%)
प्रोटीन (6-8%)
ग्लोब्यूलिन(2.4%)
ग्लोब्यूलिन(2.4%)- यह सबसे छोटी प्रोटीन होती है।
- यह लिवर में बनता है।
- यह परासरणी संतुलन (Osmoregulation) के लिए होता है। यह सबसे छोटी प्रोटीन होती है। यह लिवर में बनता है। यह परासरणी संतुलन (Osmoregulatio…- यह सबसे बड़ी प्रोटीन होती है।
- यह भी लिवर में बनता है।
- इसका कार्य रक्त का थक्का (Blood clotting) बनाना है। यह सबसे बड़ी प्रोटीन होती है। यह भी लिवर में बनता है। इसका कार्य रक्त का थक्का (Blood clot…- यह लिवर में बनता है।
- इसका कार्य Binding of food & transport है। यह लिवर में बनता है। इसका कार्य Binding of food & t…- यह लिवर में बनता है।
- इसका कार्य Binding of food & Transport है। यह लिवर में बनता है। इसका कार्य Binding of food & T…- यह प्रतिरक्षा तंत्र Immunoglobulin या Antibody होता है। यह प्रतिरक्षा तंत्र Immunoglobulin या Antib…अकार्बनिक पदार्थ
(Inorganic Substance)
(1%) in plasma अकार्बनिक पदार्थ…
साल्ट्स (Salts)
साल्ट्स (Salts)NaCl, NaHCO3 , KCl NaCl, NaHCO3 , KCl
आयन्स (Ions)
आयन्स (Ions)
Cl-,Na+,K+.Ca++,Mg++
Cl-,Na+,K+.Ca++,Mg++Text is not SVG - cannot display
संगठित तत्व
(Formed elements)
इरिथ्रोसाइट
(Erythrocytes)
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इरिथ्रोसाइट को लाल रक्त कणिका (RBC) के नाम से जाना जाता है।
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इसकी संख्या 5-5.5 million/mm3 होती है।
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1% RBC प्रतिदिन टूटती है।
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RBC का आकार अधिकतर मैमेल्स (mammals) में उभयावतल (Biconcave) होता है। इससे इसकी सतही क्षेत्र (Surface area) बढ़ती है।
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RBC में न्यूक्लियस तथा Cytoplasmic Organelles अनुपस्थित होते हैं। ताकि RBC खुद ऑक्सीजन का उपयोग कम करें।
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RBC का लाल रंग एक लौहयुक्त जटिल प्रोटीन हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण होता है।
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एक स्वस्थ्य मनुष्य में लगभग 12-16 gm/100 ml रक्त हीमोग्लोबिन पाया जाता है।
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हीमोग्लोबिन का श्वसन गैसों के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका है।
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RBC का औसत आयु 120 days की होती है उसके बाद इसका विनाश प्लीहा (RBC का कब्रिस्तान) में होती है।
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हीमोग्लोबिन में 2-अल्फा चेन तथा 2-बीटा चेन होते हैं।
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गर्भावस्था के कुछ सप्ताह बाद भ्रूण के Yolk Sac में RBC बनना शुरू हो जाता है तथा दूसरे तिमाही (Second Trimester) यकृत में बनते हैं और अंतिम माह से RBC Bone Marrow में बनते रहता है।
ल्यूकोसाइट्स
(Leucocytes)
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ल्यूकोसाइट्स को श्वेत रक्त कणिका (WBC) के नाम से जाना जाता है।
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इसकी संख्या 6000-8000/mm3 होती है।
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हीमोग्लोबिन के अनुपस्थिति के कारण इसका रंग श्वेत (White) होता है।
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इसकी संख्या RBC की अपेक्षा कम होती है।
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ये कम समय (3-4) दिनों तक ही जीवित रहती है।
ल्यूकोसाइट्स (WBC) को दो श्रेणियों में बाँटा गया है-
ल्यूकोसाइट्स के प्रकार ल्यूकोसाइट्स के प्रकार
एग्रेन्यूलोसाइट
(Agranulocytes)
(अकणकोशिका)
एग्रेन्यूलोसाइट(Agranulocytes)…
ग्रेन्युलोसाइट (Granulocytes)
(कनिकाणु)
ग्रेन्युलोसाइट (Granulocytes)…इसका Cytoplasm बिना कणिकाओं (granules) के होते है इसका Cytoplasm बिना कणिकाओं (granules) के होते है इसके Cytoplasm में कणिका (Granules) उपस्थित होते हैं। इसके Cytoplasm में कणिका (Granules)…- लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes)
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Size = 8 μ (Smallest)
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प्रतिशत = 20-25 %
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Shape = Round लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes)Size = 8 μ (Smal…- मोनोसाइट्स (Monocytes)
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Size = 18 μ (Largest)
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प्रतिशत = 6-8 %
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भक्षण कोशिका (Phagocytic Cell)
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Shape = Kidney shape मोनोसाइट्स (Monocytes)Size = 18 μ (Large…- बेसोफिल्स (Basophils)
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Size = 10 μ
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प्रतिशत = <1% (निम्नतम)
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Shape = Trilobed or S-shape बेसोफिल्स (Basophils)Size = 10 μ प्रतिशत = <1%…
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एसिडोफिल्स/इओसिनोफिल्स
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(Acidophils/Eosinophils)
-
Size = 10 μ
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प्रतिशत = 2-3%
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Shape = Bilobed nucleus
एसिडोफिल्स/इओसिनोफिल्स (Acidophils/Eosinophils)Size =…
- न्यूट्रोफिल्स (Neutrophils)
- Size = 10 μ
- प्रतिशत = 60-65% (अधिकतम)
- Shape = Multilobe (4-7 lobe)
न्यूट्रोफिल्स (Neutrophils)Size = 10 μ प्रतिशत =…Text is not SVG - cannot display
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श्वेत रुधिर कोशिकाओं (WBC) में न्युट्रोफिल की संख्या सबसे अधिक है तथा बेसोफिल की संख्या सबसे कम होते हैं।
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न्युट्रोफिल तथा मोनोसाइट भक्षण कोशिका (Phagocytic cells) होती है जो अंदर प्रवेश करने वाले बाह्य जीवों को समाप्त करती है।
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बेसोफिल हिस्टामिन, सिरोटोनिन, हिपैरिन आदि का स्राव करती है तथा Inflammatory action में शामिल होती है।
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इओसिनोफिल संक्रमण से बचाव करती है तथा Allergic reaction में शामिल रहती है।
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लिम्फोसाइट दो प्रकार की होती है- B-लिम्फोसाइट तथा T-लिम्फोसाइट दोनों शरीर की प्रतिरक्षा के लिए उत्तरदाई है।
थ्रोम्बोसाइट्स
(Thrombocytes)
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थ्रोम्बोसाइट को प्लेटलेट्स के नाम से जाना जाता है।
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ये मेगाकेरियोसाइट (अस्थि मज्जा की विशेष कोशिका) के टुकड़ो में विखंडन से बनती है रक्त में इनकी संख्या 1.5-3.5 lakh/mm3 होती है।
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प्लेटलेट्स कई प्रकार के पदार्थ स्रावित करती है।
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जिनमें अधिकांश रुधिर का थक्का ज़माने में सहायक है।
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प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के कारण रक्त जमाव में विकृति हो जाती है तथा शरीर से अधिक रक्त स्राव हो जाता है।
रक्त समूह
(Blood Group)
रक्त का कई तरीके से समूहीकरण किया गया है। इनमें से दो मुख्य समूह ABO तथा Rh का उपयोग पुरे विश्व में होता है।
ABO समूह
(ABO Group)
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ABO ग्रुप लाल रक्त कणिकाओं(RBC ) की सतह पर एंटीजन (Antigen) की उपास्थि या अनुपस्थिति पर निर्भर होता है।
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ये एंटीजन A और B है जो प्रतिरक्षा अनुक्रिया (Immunity response) को प्रेरित करते हैं।
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प्रतिरक्षी वे प्रोटीन पदार्थ है जो एंटीजन के विरुद्ध पैदा होते हैं।
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दाता एवं ग्राही (Donor & Receptor) के रक्त समूहों का रक्त चढ़ाने से पहले सावधानीपूर्वक मिलान क्र लेना चाहिए। जिससे रक्त थक्का एवं RBC के नष्ट होने जैसी गंभीर परेशानियाँ न हों।
रक्त समूह | लाल रक्त कणिकाओं पर एंटीजन | प्लाज्मा में एंटीबॉडीज | रक्तदाता समूह |
A | A | एंटी-B | A, O |
B | B | एंटी-A | B, O |
AB | A, B | अनुपस्थित | AB, A, B, O |
O | अनुपस्थित | एंटी-A, B | O |
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Blood group ‘O’ एक सर्वदाता है।
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Blood group ‘AB’ सर्वग्राही है।
Rh समूह
(Rh Group)
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यह एक एक अन्य एंटीजन Rh है। यह Rh एंटीजन रिसेस बन्दर में पाए जाने वाले एंटीजन के सामान है।
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ऐसे व्यक्ति जिसमे Rh एंटीजन होता है वह Rh पॉजिटिव (+ve) और जिसमे नहीं होता उसे Rh निगेटिव (-ve) कहा जाता है।
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Rh निगेटिव व्यक्ति का रक्त Rh पॉजिटिव के साथ मिलाया जाता है तो Rh निगेटिव के विरुद्ध विशेष प्रतिरक्षी (Antibody) बन जाती है।
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इसलिए रक्त आदान-प्रदान के पहले Rh समूह को मिलाना भी आवश्यक है।
Rh निगेटिव गर्भवती महिला Rh निगेटिव गर्भवती महिला - यदि कोई गर्भवती महिला Rh निगेटिव तथा उसका पति Rh पॉजिटिव हो तो बच्चा Rh पॉजिटिव होने का chance होता है इसलिए माँ और बच्चा का Rh ग्रुप opposite होने के कारण बच्चे को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। यदि कोई गर्भवती महिला Rh निगेटिव तथा उसका पति Rh पॉजिटिव हो तो बच्चा Rh पॉजिटिव होने का chance होता है इसलिए माँ और बच्चा का Rh ग्रुप oppos…- गर्भवती महिला (Rh -ve) एवं उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण (Rh +ve) होने से भ्रूण के गर्भ में तो अपरा (Placenta) द्वारा अलग होने के कारण बच्चे को कोई नुकसान नहीं कर पाते लेकिन प्रसव के दौरान (First delivery) के समय माता के Rh -ve रक्त से शिशु के Rh +ve रक्त के सम्पर्क में आने की संभावना रहती है। गर्भवती महिला (Rh -ve) एवं उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण (Rh +ve) होने से भ्रूण के गर्भ में तो अपरा (Placenta) द्वारा अलग…- ऐसी स्थिति में माता के रक्त में Rh प्रतिरक्षी (Antibody) बनना शुरू हो जाता है। ये प्रतिरोध में एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देती है। यदि बाद की गर्भावस्था होती है तो रक्त (Rh -ve) से भ्रूण के रक्त (Rh +ve) में Rh प्रतिरक्षी (Antibody) का रिसाव हो सकता है और इससे भ्रूण की लाल रक्त कणिकाएँ (RBC) नष्ट हो सकती हैं। यह भ्रूण के लिए जानलेवा हो सकती हैं या खून की कमी और पीलिया हो सकता है। ऐसी स्थिति में माता के रक्त में Rh प्रतिरक्षी (Antibody) बनना शुरू हो जाता है। ये प्रतिरोध में एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देती है। यदि बाद की गर्भावस्था होती है तो रक्त (Rh…- इसे इरिथ्रोब्लास्टोसिस फिटैलिस कहते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए माता को प्रसव के तुरंत बाद Rh प्रतिरक्षी (Antibody) लगा देना चाहिए। इसे इरिथ्रोब्लास्टोसिस फिटैलिस कहते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए माता को प्रसव के तुरंत बाद Rh प्रतिरक्षी (Antibody) लगा देना चाहिए। Text is not SVG - cannot display
रक्त-स्कंदन/रक्त का जमाव
(Coagulation Blood of)
घायल उत्तक (Injured tissue)रक्त (Blood)रक्त का बहाव (Flow of blood)थ्रोम्बोप्लास्टिन(Thromboplastin)रक्त वाहिनियाँ(Blood vessels)प्लेटलेट्स का जमाव (Deposition of platelets)थ्रोम्बोप्लास्टिन कॉम्प्लेक्स(Thromboplastin complex)(Ca++)कैल्शियम आयनस्रावित स्रावित सक्रिय (Active)थ्रोम्बोकाइनेज एंजाइम कॉम्प्लेक्सनिष्क्रिय (Inactive)हिपेरिन (Anticoagulant)थ्रोम्बोकाइनेज एंजाइम कॉम्प्लेक्सप्रोथ्रॉम्बिन(निष्क्रिय)थ्रॉम्बिन(सक्रिय)यह लिवर में बनताहै Vit-K द्वारा थ्रॉम्बिनफाइब्रिनोजन(निष्क्रिय) घुलनशील फाइबर)फाइब्रिन (सक्रिय) अघुलनशील फाइबरमुलायम थक्का (Soft clot)हवा (air)कठोर थक्का(Hard clot)घाव भरना (Healing wound)
लसीका/उत्तक द्रव
(Lymph)
जब रक्त उत्तक की कोशिकाओं से गुजरता है तो बड़े प्रोटीन अणु तथा संगठित पदार्थों को छोड़कर जल एवं जल में घुलनशील पदार्थ रक्त से निकलकर कोशिकाओं से बाहर चले जाते हैं जो एक रंगहीन तरल पदार्थ होते हैं, इस तरल को ही उत्तक द्रव (लसीका) कहते हैं।
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लसिका में लाल रक्त कणिकाएँ (RBCs) अनुपस्थित होती हैं।
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इसलिए लसिका रंगहीन (Colorless) होती है।
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इसमें प्लेटलेट्स अनुपस्थित होते हैं।
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इसमें प्रोटीन 4% ही पाए जाते हैं।
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इसमें WBCs अधिक मात्रा में पाई जाती हैं।
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इसका Clotting period अपेक्षाकृत अधिक होता है।
लसीका के कार्य
(Functions of Lymph)
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लसीका कोशिका तथा उत्तकों से CO2 एवं अन्य हानिकारक पदार्थ लेकर रक्त में पहुँचाता है।
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कोशिकाओं तक पोषक तत्वों जैसे- गैसें, हॉर्मोन्स तथा एंजाइम आदि को पहुँचने का कार्य करता है।
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लसीका अंगों (Lymph organs) तथा लसीका ग्रंथियों (Lymph glands) में लिम्फोसाइट्स का निर्माण होता है, जो जीवाणुओं का भक्षण करते हैं।
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यह कोमल अंगों की रक्षा करने तथा उन्हें रगड़ से बचाने में सहायक होता है।