Human-heart-2

परिसंचरण तंत्र, प्रकार, एकल परिसंचरण, दोहरा परिसंचरण, मानव परिसंचरण तंत्र

परिसंचरण तंत्र

(Circulatory System)

परिसंचरण का अर्थ, किसी तत्व को एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन करना होता है। उच्च बहुकोशिकीय जंतुओं में आवश्यक पदार्थों की आपूर्ति एवं अनावश्यक पदार्थों का बहिष्करण सीधे कोशिका द्वारा न होकर एक विशेष तंत्र द्वारा होता है, जिसे परिसंचरण तंत्र कहा जाता है।

परिसंचरण तंत्र के प्रकार

(Types of circulatory system)

परिसंचरण तंत्र निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं-

परिसंचरण तंत्र के प्रकार परिसंचरण तंत्र के प्रकार

खुला परिसंचरण तंत्र
(Open Circulatory System)

खुला परिसंचरण तंत्र…

बंद परिसंचरण तंत्र
(Closed Circulatory System)

बंद परिसंचरण तंत्र…- खुला परिसंचरण तंत्र में रक्त (हिमोलिम्फ)रक्त वाहिनियों (Blood vessels) में नहीं बहता है। हृदय द्वारा रक्त पम्प करने पर रक्त खुले स्थान और चैनलों द्वारा देहगुहा में स्वतंत्र रूप से बहता है, जिसे हीमोसील (रुधिर गुहा) भी कहते हैं। इसमें रक्त ऊत्तक कोशिकाओं के सीधे संपर्क में होता है और ऑक्सीजन वाहक वर्णक रक्त प्लाज्मा में घुले होते हैं।

एकल परिसंचरण

(Single Circulation)

एकल परिसंचरण मछलियों में पाया जाता है। एकल संचार प्रणाली में मछली के शरीर में एक पूर्ण सर्किट को पुरा करने के बाद ही रक्त हृदय से प्रवाहित होता है।

एकल परिसंचरण (Single circulation)

दोहरा परिसंचरण

(Double Circulation)

दोहरा परिसंचरण (Double circulation)

प्राणियों में हृदय के प्रकार

(Types of heart in animals)

Types of heart in animals Types of heart in animals

मछली (Fish)

मछली (Fish)- इसका हृदय दो कक्षों (2 Chambered) का बना होता है।

उभयचर (Amphibia)

उभयचर (Amphibia)- इसका हृदय तीन कक्षों (3 chambered) का बना होता है।

रेप्टेलिया
(Reptiles)

रेप्टेलिया…- इसका हृदय तीन कक्षों का बना होता है। (मगरमच्छ को छोड़कर), क्योंकि मगरमच्छ में चार कक्ष का हृदय होते हैं।

**पक्षी & मैमल्स (Birds & Mammals)
**

पक्षी & मैमल्स…Text is not SVG - cannot display

मानव परिसंचरण तंत्र

(Human Circulatory System)

मानव परिसंचरण तंत्र में चार कक्षों (4 Chambers) से बना पेशी हृदय बंद रक्त वाहिनियों (Closed blood vessels) का एक जाल (नेटवर्क) होता है। जिसमें रक्त एवं अन्य तरल पदार्थ का परिवहन होता है। रक्त परिसंचरण तंत्र द्वारा शरीर की सभी कोशिकाओं तक प्रयुक्त पोषक तत्व, ऑक्सीजन, जल, हॉर्मोन्स तथा एंजाइम को पहुँचाया जाता है।

मानव हृदय

(Human Heart)

हृदय पेशीय,संकुचनशील तथा स्वतः पम्पिंग अंग (Organ) है। हृदय की उत्पत्ति (Origin) मिसोडर्मल होती है। इसका वह भाग जो शरीर के उत्तकों से रुधिर ग्रहण करता है, अलिंद(Auricle) कहलाता है तथा वह भाग जो उत्तकों में रुधिर पम्प करता है, निलय (Ventricle) कहलाता है।

हृदय की बनावट

दायाँ अलिंद

(Right auricle)

दायाँ निलय

(Right ventricle)

बायाँ अलिंद

(Left auricle)

बायाँ निलय

(Left ventricle)

रक्त बायाँ अलिंद से बाइकस्पिड वाल्व द्वारा बायीं निलय में आती है था बायाँ निलय से बड़ी रक्त नलिका निकलती है जिसे महाधमनी (Aorta) कहते हैं। महाधमनी द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीकृत रक्त (Oxygenated blood) प्रवाहित होती है।

हृदय (Heart)