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मूत्र निर्माण, ग्लोमेरूलर फिल्ट्रेशन, पुनः अवशोषण तथा स्रवण

मूत्र निर्माण

(Urine Formation)

मूत्र निर्माण में मुख्य तीन प्रक्रियाएँ सम्मिलित हैं- गुच्छीय निस्यंदन (Glomerular filtration), पुनः अवशोषण (Reabsorption),एवं स्रवण (Secretion) जो नेफ्रॉन में विभिन्न भागों में होता है।

  1. गुच्छीय निस्यंदन (Glomerular Filtration)

  2. पुनः अवशोषण (Reabsorption)

  3. स्रवण (Secretion)

गुच्छीय निस्यंदन

(Glomerular Filtration)

मूत्र निर्माण के प्रथम चरण में केशिका गुच्छ द्वारा रक्त का फिल्ट्रेशन होता है जिसे जिसे गुच्छीय निस्यंदन या ग्लोमेरुलस फिल्ट्रेशन कहते हैं।

ये तीन परत निम्नलिखित है-

  1. ग्लोमेरुलस की रक्त केशिका की **आंतरिक उपकला (**inner epithelium)

  2. बोमेन कैप्सूल की उपकला (epithelium of bowman’s capsule)

  3. इन दोनों परतों के बीच पाई जाने वाली झिल्ली (Membrane)

अभिवाही धमनिका(Afferent arteriole)अपवाही धमनिका(Efferent arteriole)ग्लोमेरुलस(Glomerulus)बोमेन संपुट(Bowman’s capsule)समीपस्थ संवलित नलिका-PCT (Proximal convoluted tubule)StudyNode

ग्लोमेरूलर फिल्ट्रेशन रेट-(GFR)

पुनः अवशोषण

(Reabsorption)

ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन से प्राप्त फिल्ट्रेट का लगभग 99% फिल्ट्रेट (निस्यंद) को वृक्क नलिकाओं (Renal tubules) द्वारा पुनः अवशोषित कर लिया जाता है, जिसे पुनः अवशोषण कहते हैं।

स्रवण (Secretion)